"पुल "और "दीवार " दोनों के निर्माण में एक जैसा रॉ मटेरियल लगता है, जबकि "पुल" लोगों को जोड़ने का काम करता है, और....! "दीवार "अलग करने का काम करती है।। "इन्सान " भी मालिक ने एक जैसे ही बनाये हैं, कौन कैसा "व्यवहार" करता है यह उसके "संस्कारों" पर निर्भर है !




*दुनिया में दो तरह के लोग* *होते हैं *एक वो जो मौका आने पर* *साथ छोड़ देते हैं..* *और दूसरे वो जो साथ देने के* *लिये मौका ढूँढ लेते है *अच्छे लोगों से रिश्ता रखिये*


* सबके दिलो का एहसास * *अलग होता है * *इस दुनिया में सबका * व्यवहार अलग होता है * *आँखें तो सबकी * *एक जैसी होती है * *पर सबका देखने का* अंदाज अलग होता है *


जय_श्री_कृणा राधे_राधे
कोई ऐसा अक्षर नहीं जिससे कोई मन्त्र न बनता हो,कोई ऐसा मूल (जड़) नहीं जिससे कोई औषधि न बनती हो। ऐसे ही कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं होता बस उसे उपयोगी बनाने की योग्यता होनी चाहिए।


जो हमेशा कहे, मेरे पास समय नही... असल में वह #व्यस्त नही बल्कि #अस्त_व्यस्त है


जब तक मन मे "छल" और दिल मे "पाप" है.. तब तक बेकार सारे "मंत्र" और "जाप" है.. #जय_श्री_राम






ज्ञान से शब्द समझ में आते हैं, और अनुभव से अर्थ.. इंसान बहुत कमाल का है पसन्द करे तो, बुराई नही देखता... नफरत करे तो, अच्छाई नही देखता!






अमीरी दिल की हो तो लोग साईकल पर भी खुशी मानते हैं, नही तो हमने कारों में भी लोगो को रोते देखा है। #जय_श्री_राम






पूरी दुनिया जीत सकते है संस्कार से ....... और........ जीते हुवे भी हार जाते है अहंकार से ! _






आत्मार्थं जीवलोकेऽस्मिन् को न जीवति मानवः। परं परोपकारार्थं यो जीवति स जीवति॥ भावार्थ-: इस जीवलोक में स्वयं के लिए कौन नहीं जीता ? परंतु, जो परोपकार के लिए जीता है, वही सच्चा जीना है ।।








जब मेहनत करने बाद भी सपने पूरे नहीं होते, तो रास्ते बदलिये सिद्धांत नहीं.. क्यों की पेड़ भी हमेशा पत्ते बदलते है जड़ नहीं.. गीता मे साफ शब्दों मे लिखा है.. निराश मत होना कमजोर तेरा वक़्त है तु नहीं.. #जय_श्री_राम






प्रेम से भरी हुई आंखे..
श्रद्धा से झुका हुअा सर..
सहयोग करते हुवे हाथ..
सन्मार्ग पर चलते हुवे पांव..
और सत्य से जुड़ी हुई जीभ..
भगवान को बहोत पसंद है..






घर के बाहर दिमाग लेकर जाओ,
क्यों की दुनिया एक बाजार है..
लेकिन घर के अंदर सिर्फ दिल लेकर जाओ,
क्यों की वहां एक परिवार है..






जब होती है प्रभु की कृपा,
संयोग स्वयं जुड़ जाते है..
अपनो की बात छोड़ो,
दुश्मनों के भी सर झुक जाते है..






मैदान मे हारा हुअा फिर से जीत सकता है..
परंतु मन से हारा हुअा कभी जीत नही सकता..
आपका आत्मविश्वास ही आपकी सर्वश्रेष्ठ पूंजी है..






दो शब्दों से दूर होती है सुख - दु:ख की दूरी..
वो है श्रद्धा और सबूरी..






मेहनत करें तो धन बने..
सब्र करे तो काम..
मीठा बोले तो पहचान बने..
और इज्ज़त करें तो नाम..






कहीं फिसल न जाऊं तेरे खयालों में चलते चलते..
अपनी यादों को रोक अपने शहर में बारिश हो रही है..






पिता का दर्द समझती है..
माँ के आंसू पुछती है..
भाई के दुख लेकर उनपर सुख लूटा देती है..
ये बेटियां भी माँ जैसी होती है..






जिंदगी मे कुछ बनो ना बनो..
पर बुढ़ापे मे माँ - बाप का सहारा जरुर बनो..






तेरी खुशियों से नहीं गम भी रिश्ता है मेरा..
तु जिंदगी का एक अनमोल हिस्सा है मेरा..
मेरी मोहब्बत सिर्फ लब्जो की मोहताज नहीं..
तेरी रुह से रुह का रिश्ता है मेरा..






हमेशा ऐसी व्यक्ती को संभाल के रखिये..
जिसने आपको ये तीन भेंट दी हो..
साथ, समय और समर्पण..






जीवन मे मेहनत करने से दिमाग और सत्य बोलने से दिल साफ रहते है..






तेरी फिक्र तो होंगी ना पगले..
तुम मोहब्बत बनते बनते जान जो बन गये हो मेरी..






सब दु:ख दूर होने के बाद मन प्रसन्न होंगा ये आपका भ्रम है..
मन प्रसन्न रखो सब दु:ख दूर हो जायेंगे ये हकीकत है..






स्वभाव रखना है तो उस दीपक की तरहा रखो..
जो राजमहलों मे भी उतनी रौशनी देता है, जितनी किसी गरीबो की झोपड़ियों मे..






पूरे दिन मे खुशी तभी होती है..
जब तुझसे बात होती है..






जो इंसान अच्छे विचार और अच्छे संस्कार को पकड़ लेता है..
फिर उसे हाथ मे माला पकड़ने की जरुरत नहीं पड़ती..






किसी के कहने से यदी अच्छा या बुरा होने लगे तो ये संसार या तो स्वर्ग बन जाये या पूरी तरह नर्क..
इस लिये ये ध्यान मत दो की कौन क्या कहता है..
बस वो करो जो अच्छा है और सच्चा है..






श्रद्धा और विश्वास ही भक्ति का आधार है..
योग तप और साधना ही शक्ती का आधार है..
जीवन मे थोड़ी भी भक्ति है तो बेडपार है..
जीवन मे शक्ती है तो सुखी संसार है..






जिसे सोचकर ही चेहरे पर खुशी आ जाये..
वो खुबसूरत खयाल हो तुम..






जिसने तुम्हे 9 महीने पेट मे..
3 साल हाथों मे..
और जिंदगी भर दिल मे रखा..
उस माँ की कदर करो..






मत करना नज़र अंदाज माँ - बाप की तकलीफों को..
जब ये बिछड़ जाते है तो रेशम के तकिये पर भी नींद नहीं आती..






हर माँ की यह ख्वाहिश है, एक प्रताप वो भी पैदा करें..
देख कर उसकी शक्ती को, हर दुश्मन डरा करें..
शिरोमणी वीर योद्धा महाराणा प्रताप जी की जयंती हार्दिक शुभेच्छा और बधाई..






चिंता और तनाव मे इंसान तभी होता है..
जब वो खुद के लिये कम और दूसरों के लिये ज्यादा जीता है..






टेन्शन मत ले..
मै मेरी आखरी सांस तक तेरे साथ हूं..






भरोसा और आशीर्वाद कभी दिखाई नहीं देते..
लेकिन असंभव को संभव बना देते है..






संसार मे दु:ख के मुख्य दो कारण..
लालच और स्वार्थ..
इस लिय लालच और स्वार्थ से दूर रहो और जिंदगी मे सुखी रहो..






चेहरे पर सदैव मुस्कान का ये मतलब नहीं, की जीवन मे संघर्ष नहीं है..
बस भगवान पर भरोसा ज्यादा है..






सोने से पहले एक बार अपने दिल की अदालत मे जरुर जाया करो..
सुना है वहां कभी गलत फैसले नहीं होते..






सोच रही हूं तेरे गले मे नींबू मिर्ची बाँध दूं..
आजकल बहूतो की नजर मे हो तुम..






सुख मे मै धन्यवाद करुं..
दुख मे मै फरियाद करुं..
जिस हाल मे रखो प्रभु..
मै हर पल तुम्हे याद करुं..






जहां दया है वहां धर्म है..
जहां लोभ है वहां पाप है..
जहां क्रोध है वहां नाश है..
जहां क्षमा है वहां भगवान है..






कुछ तो बात है मोहब्बत मे..
वरना एक लाश के लिये कोई ताजमहल नहीं बनवाता..






पावों मे अगर जान हो,
तो मंजिल तुमसे दूर नहीं..
आंखो मे यदि पहचान हो,
तो इंसान तुमसे दूर नहीं..
दिल मे यदि स्थान हो,
तो अपने तुमसे दूर नहीं..
भावना मे यदि जान हो,
तो भगवान तुमसे दूर नहीं..






जीवन मे तीन मंत्र हमेशा याद रखो..
आनंद मे वचन मत दीजिये..
क्रोध मे उत्तर मत दीजिये..
दुख मे निर्णय मत लिजिये..






जब तक मन मे "छल" और दिल मे "पाप" है..
तब तक बेकार सारे "मंत्र" और "जाप" है..






जिंदगी मे ऐसे इंसान पर कभी जुल्म मत करना..
जिसके पास पुकारने के लिये परमात्मा के अलावा और कोई ना हो..






अपमान करना किसी के स्वभाव मे हो सकता है..
पर सम्मान करना हमारे संस्कार मे होना चाहिये..






हाल पुछ लेने से कौन सा हाल ठीक हो जाता है..
बस एक तसल्ली सी हो जाती है की, इस भीड़ भरी दुनिया मे कोई अपना भी है..






चिंतन हो सदा इस मन मे तेरा..
चरणों मे तेरे मेरा ध्यान रहे..…






जब तुम मेरी फिक्र करते हो..
तब तो कसम से तुम पर और भी प्यार आता है..






कामयाबी का जुनून होना चाहिये..
फिर देखना मुश्किलों की क्या औकात है..






परिस्थिती बदलना जब मुमकिन ना हो तो..
मन की स्थिति बदल लिजिये, सब कुछ अपने आप ही बदल जायेंगा..






जिंदगी तभी खुबसूरत लगती है..
जब जिंदगी को खुबसूरत बनाने वाला साथ हो..






संघर्ष पिता से सीखिये..
संस्कार माँ से सीखिये..
बाकी चालाकी तो दुनिया सिखा देंगी..






जिंदगी मे आने की खबर तो नौ महीने पहले ही मिल जाती है..
लेकिन जाने की खबर नौ सेकंड पहले भी पता नहीं चलती..
इस लिये मस्त रहो व्यस्त और आनंदित रहो..






तेरा नाम लेना भी अब दिल का धड़कना सा बन गया है..
पता नहीं जिंदगी सांसों से चल रही या तेरे नाम से..






चिंतन हो सदा इस मन मे तेरा..
चरणों मे तेरे मेरा ध्यान रहे..
चाहे दु;ख मे रहूं चाहे सुख मे रहूं..
होठों पर सदा प्रभु राम नाम तेरा रहे..






मन का झुकना भी बहोत जरूरी है..
सिर्फ सर झुकाने से भगवान नहीं मिलते..






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